माझ्या कविता - By Sanjay Ronghe
चल उड चले दुर कही आकाशमे । जहा होगे बादल चांदके आंगन मे । तु मै और चांद होंगे हम साथमे । साथ तेरा मेरा हात हो हातमे । Sanjay R.
Post a Comment
No comments:
Post a Comment