जलते है #दीप लाखो यहा
फिरभी अंधेरा, रोशनी कहा ।
आओ मिलके #दीप एक जलाये
रोशन हो भारत, हम चाहे वहा ।
Sanjay R.
माँ कैसे भूल जाऊ
मेरे लिये तेरा प्यार ।
मै तो हु बहेता पानी
और तू नदी की धार ।
सुके ना कभी
ना रुके तू कभी ।
बस सोचती हो लगे
नैय्या मेरी पार ।
माँ कैसे भूल जाऊ
मेरे लिये तेरा प्यार ।
Sanjay R.