कोमळ सुंदर
आहेस तू कळी ।
गुंतले मन बघून
गालावरची खळी ।
आठवण ही तुझी
किती मला छळी ।
हवी हवी वाटे मला
फुलाची पाकळी ।
Sanjay R.
Wednesday, August 29, 2018
" कळी "
Tuesday, August 28, 2018
" चलो चले एक कदम "
चलो चले एक और कदम
दूर नही है ज्यादा अब हम
पहले तो थे ईव्ह और आदम
विकसित हो गये सारे हम
ज्ञान विज्ञान हर कदम
बना लिये है विनाशकारी बम
कर लेंगे विनाश खुद्दका
किसको क्या है इसमे गम
चलो चले एक और कदम
दूर नही है ज्यादा अब हम
दुनियाभरमे एक ही अहम
दिखा रहे है अपना दम
सब कुछ पाया फिरभी कम
डर का साया कदम कदम
भुके प्यासे क्या है कम
देखो उनकी आखे नम
चलो चले एक और कदम
दूर नही है ज्यादा अब हम
Sanjay R.
Monday, August 27, 2018
" जिंदगी "
खोना न चाहु तुम्हे
हो तुम मेरी जिंदगी ।
दिन एक और मिल जाये
जी लुंगा मै जिंदगी ।
कभी हसता कभी रोता हू
यही तो है यह जिंदगी ।
कभी आसू कभी गम फिरभी
लगती कम यह जिंदगी ।
ख्वाहिशें है हजारो दिलमे
वक्त नाही जिनेको जिंदगी ।
निंदमे भी पिछा करती
सपनो भरी यह जिंदगी ।
आओ जीले दिन कुछ और
कर ले हसीन यह जिंदगी ।
मीले ना मिले दोबारा फिर
चल साथ मेरे हे जिंदगी ।
Sunday, August 26, 2018
" बांधते मी राखी "
" माझ्या भारत भूमीच्या सीमेवरील रक्षण कर्त्या सैनिकांना समर्पित या चार ओळी "
भारतभुच्या हे सैनिका
घेतले व्रत तू देशसेवेचे ।
म्हणून बघतो आम्ही
दिवस हे सुख समाधानाचे ।
सांग मज ऋण तुझे
आम्ही कसे ते फेडायचे ।
बांधते आज राखी तुज
भाग्य हे आम्हा बहिणींचे ।
Sanjay R.
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