सुगंध गजऱ्याचा
झालो मी बेभान।
लागली आग मनी
हृदयात पेटले रान ।
Sanjay R.
Saturday, August 18, 2018
" करना ना कभी तुम गम "
ना करना याद तुम
भूल जाओ वह पल अब ।
अब भी हो दिलमे मेरे
पास तुम आओगी कब ।
मिटा दो वह दुरी
पास अब भी है हम ।
तुटने दो इंतजारकी घडी
ना करना कभी तुम गम ।
आओ पास आओ तुम
भर लो अब थोडे रंग ।
भूल जाओगे सारे गंम
जब होंगे हम संग संग ।
Sanjay R.
Friday, August 17, 2018
" मै "
मै कौन हु, कौन हु मै
क्या अजनबी हू मै ।
या कोई पहचाना हू मै
आपसा ही तो हू मै ।
फिर भी सोचता हू
क्या इन्सान हू मै ।
मै मै के पीछे पीछे
देखो कैसे भगता हू मै ।
कोई आगे कोई पीछे
आसमान कॊ छूता हू मै ।
करीब हू दिलके मगर
नही दिलको जानता हू मै ।
अपनोको अपना मानता हू मै
स्वार्थ के लिए मै ही चुनता हू मै ।
भूल जाता कौन हू मै
रक्त का प्यासा कभी बन जाता हू मै ।
नही याद राहता मुझे
मै के वास्ते कुछ भी कर लेता हू मै ।
इन्सान हू मगर
इन्सानियत ही तो भूल जाता हू मै
Sanjay R.
Wednesday, August 15, 2018
" चांदणी दूर आकाशात "
तू आणि मी बस दोघंच
आला विचार सहजच ।
चांदणी दूर आकाशात
वेड लाविते मनात ।
बघायचं तुझ्या डोळ्यात
हसायचं थोडं गालात ।
ये ना सखे जवळ ये
दे हात माझ्या हातात ।
Sanjay R.