माझ्या कविता - By Sanjay Ronghe
चलो आज कुछ गीत गुनगुनाते है दिवाली के पटाखोकी आवाज सुनाते है . खुशी का यह त्योहार बडा कुछ मिठाइ खिलाते है . झगमग झगमग रंग रंगोली आकाशसे हम तारे लाते है . नइ उमंगे नइ आशा आवो एक दिप जलाते है . मिलकर हम सब खुशीया मनाते है . Sanjay R.
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